जब सैल को काम में लेते हैं तो समय के साथ वि.वा.ब. का मान घट जाती है, वह शून्य हो जाती है तथा इसे सैलों का धु्रवीकरण कहते है।
प्राथमिक सैल की विशेषताएं (Characterisics of Primary Cell)-
1. सैल का वि.वा.ब. अधिक व स्थिर होना चाहिए।
2. सैल का आन्तरिक प्रतिरोध कम होना चाहिए।
3. प्राथमिक सैल से जब किसी प्रकार की धारा नहीं ली जा रही हो तो उस स्थिति में सैल में कोई रासायनिक क्रिया नहीं होनी चाहिए।
4. सैलों में पोलेराइजेशन नहीं होना चाहिए।