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पॉली-फेज विद्युत प्रणाली

दो या दो से अधिक फेजों की प्रणाली को बहु फेज या पॉली  फेज प्रणाली कहते हैं। जिसमें प्रत्येक फेज की वोल्टेज और आवृत्ति समान होती है परन्तु इनमें निश्चित फेज डिफ्रेन्स होता है।
टू फेजों के मध्य मापे गए पोटेंशियल डिफ्रैन्स को लाइन वोल्टेज कहते है तथा VL से दर्शाते हैं।
फेज व न्यूट्रल तार के मध्य विभवान्तर को फेज वोल्टेज कहते है। इसे Vph से दर्शाते हैं।
किसी फेज के श्रेणी क्रम में लगाए गए एम्पियर मीटर द्वारा लाइन करन्ट IL मापी जाती है।
थ्री फेजों के तीन अलग-अलग लगाए गए साधन की एम्पियर मीटर द्वारा मापी गयी धारा को फेज धारा Iph  कहते हैं।
एक थ्री फेज प्रणाली में उत्पन्न वि.वा. बल का अपने अधिकतम मान को प्राप्त करने का क्रम फेज क्रम कहलाता है।
एक्टिव कम्पोनेन्ट को इनफेज या वाट फुल कम्पोनेनट कहते है इसमें पावर खर्च होती है।
रिएक्टिव कम्पोनेन्ट को वाट लेस (watt less) कम्पोनेन्ट कहते है। इसमें शून्य पावर खर्च होती है।
वोल्टेज और धारा के रिएक्टिव कम्पोनेन्ट(I sinф) के मध्य कोण 90डिग्री  होता  है इस कारण कम्पोनेन्ट में शून्य पावर व्यय होता है।
सम हार्मोनिक्स उस हार्मोनिक्स को कहते हैं जिनकी आवृत्ति मूल आवृत्ति की सम गुणांक हो अर्थात् 2 गुना, 4 गुना, 6 गुना आदि।
विषम हार्मोनिक्स उन हार्मोनिक्स को कहते है जिनकी आवृत्ति मूल आवृत्ति की विषम हो अर्थात् 3 गुना, 5 गुना, 7 गुना आदि।
धारितीय परिपथ की प्रतिघात, प्रयुक्त वोल्टेज की आवृत्ति के व्युत्क्रमानुपाती होती है अर्थात् आवृत्ति बढ़ने पर प्रतिघात घट जाता है।