वे पदार्थ जो अपने अन्दर से इलेक्ट्रॉन का बहाव नहीं होने देते है विद्युत के अच्छे कुचालक कहलाते हैं।
एक अच्छे कुचालक का विशिष्ट प्रतिरोध 1012 ओह्म सेन्टीमीटर से अधिक होना चाहिए।
कोई भी चालक जो पूरी लम्बाई में समान व्यास वाली हो तथा काट क्षेत्रफल गोल हो उसे तार कहते है।
ताम्बे से बने तार दो प्रकार के होते हैं -
(1) कठोर ताम्बा (हाई ड्रोन ताम्बा)
(2) नरम ताम्बा (एनील्ड ताम्बा)
पी.वी.सी. का पूरा नाम पॉली विनाइल क्लोराइड है। ये तारे वायरिंग में प्रमुखता से वर्तमान में काम आ रही है।
जब तार (चालक) पर एक जैसी मोटाई का कुचालक पदार्थ चढ़ा दिया जाता है तो नंगे तार के अलावा शेष तार केबल कहलाते है।
एक इन्सुलेशन के अन्तर्गत आने वाले कुल चालक व जितने पृथक-पृथक इन्सुलेशन होंगे उतनी ही कोर की केबल कहलाएगी। एक जैसे व्यास व लम्बाई में चालक पर तार एवं तार पर इन्सुलेशन चढ़ा हो तो उसे केबल कहते है।
स्टेण्डर्ड वायर गेज का प्रयोग तार और शीट की मोटाई मापने के लिए किया जाता है। इसकी पूरी परिधि पर अलग-अलग साइज के स्लॉट कटे होते है।
पिगटैल/रैट टैल/ऐंठे जोड़ उन स्थितियों में उपयुक्त होता है जहां पर चालकों पर कोई यांत्रिक प्रतिबल नहीं होता है।