Showing posts with label बेसिक इलैक्ट्रॉनिक्स. Show all posts
Showing posts with label बेसिक इलैक्ट्रॉनिक्स. Show all posts

बेसिक इलैक्ट्रॉनिक्स


ऐसे ठोस पदार्थ जिनको प्रतिरोधकता, चालकों तथा कुचालक के मध्य होती है, अर्द्धचालक कहलाते है। इस श्रेणी में जर्मेनियम, सिलिकॉन तथा सिलिनियम प्रमुख है।
अर्द्धचालक की चालकता को बढ़ाने के लिए पंच संयोजी तथा त्रिसंयोजी अशुद्धि का प्रयोग किया जाता है।
पदार्थ के संयोजी बैण्ड तथा चालक बैण्ड के मध्य अन्तराल को वर्जित ऊर्जा अन्तराल (Eg) कहते है।
अर्द्धचालक                                  वर्जित ऊर्जा अन्तराल
सिलिकाॅन ;(Si)                        1.12eV
जर्मेनियम ;(Ge)                         0.7 eV
इन्डियम एन्टीमनॉइड                  0.17 eV
गैलियम आर्सेनाइड                      0.33 eV

जब एक P प्रकार के अर्द्धचालक को N प्रकार के अर्द्धचालक से परमाणीय स्तर इस प्रकार जोड़ दिया जाये कि इनकी सम्पर्क सतह पर क्रिस्टल संरचना सतत् बनी रहें तो यह सम्पर्क P-N संधि तथा इस प्रकार बनी युक्ति P-N संधि डायोड कहलाता है।
P-N संधि डायोड के दो प्रकार से बायसित किया जा सकता है-
(1) अग्र बायस                 (2) पश्च बायस
P-N संधि बनाने के लिए तीन विधियां मुख्य हैं-
(1) मिश्रधातु संधि            (2) विसरण संधि              (3) वाष्प जमा या वर्धन संधि