प्रतिरोध - 2

प्रतिरोधों का संयोजन तीन प्रकार से होता है -
1. श्रेणी संयोजन
2. समानान्तर संयोजन
3. श्रेणी-समानान्तर संयोजन
श्रेणी परिपथ में प्रत्येक शाखा के विभिन्न प्रतिरोधों का योग परिपथ का कुल प्रतिरोध कहलाता है।
समानान्तर परिपथ में कुल चालकता उस परिपथ की चालकता के विपरीत अनुपात में होती है।
किसी पूर्ण विद्युत परिपथ में गुजरने वाली धारा वोल्टता के समानुपाती तथा परिपथ के प्रतिरोध के विलोमानुपाती होती है।
एम्पियर मीटर धारा मापने का यंत्र होता है। वे मूविंग क्वॉयल  मूविंग आयरन दो प्रकार के होते हैं।