प्रतिरोध का गुण दर्शाने वाले अवयव को प्रतिरोधक कहा जाता है।
प्रतिरोधकों की किस्में Types of Resistors)
प्रतिरोधक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है -
(1) कार्बन प्रतिरोधक
(2) वायर वाउण्ड प्रतिरोधक
कार्बन प्रतिरोधक कार्बन अथवा ग्रेफाइट के महीन चूर्ण को किसी उपयुक्त अचालक व बन्धक पदार्थ के साथ मिलकर तैयार किए जाते हैं।
वायर वाउण्ड प्रतिरोधक यूरेका अथव मैंगनिन नाम मिश्र धातु के महीन व नंगे तार को चीनी मिट्टी, सैरामिक या बैकेलाइट से बने पाइप/शीट पर लपेटकर तैयार किए जाते हैं।
प्रतिरोध के नियम के अनुसार -
1. चालक के प्रतिरोध की वृद्धि उसके लम्बाई के समानुपाती होती है।
2. चालक का प्रतिरोध उसके अनुपस्थ काट क्षेत्रफल के विलोमानुपाती होता है।
3. चालक का प्रतिरोध पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
4. चालक का प्रतिरोध उसके तापमान पर भी निर्भर करता है।
किसी पदार्थ के इकाई घन के आमने-सामने वाले तलों के मध्य के प्रतिरोध को उस पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध कहते हैं।