(1) स्पर्श विधि (2) विद्युत धारा विधि (3) प्रेरण विधि
चुम्बकीय क्षेत्र में विद्यमान चुम्बकीय बल रेखाओं के निम्न महत्वपूर्ण गुण होते हैं-
1. सभी चुम्बकीय बल रेखाएं अपना परिपथ पूर्ण करती है।
2. चुम्बकीय बल रेखाएं चुम्बक के अन्दर दक्षिण से ध्रुव उत्तर ध्रुव की ओर व बाहर उत्तर से दक्षिण की ओर चलती है।
स्थायी एवं विद्युत चुम्बक में तुलना
क्र.स. स्थायी चुम्बक विद्युत चुम्बक
1.इसकी चुम्बकता का मान स्थिर रहता है। इसकी चुम्बकता घटाई व बढ़ाई जा सकती है।
2.इसकी प्रबलता स्थिर है। इसकी प्रबलता, धारा पर निर्भर रहती है।
3.इसका उपयोग दिशा सूचक में होता है। इसका उपयोग दिशा सूचक में नहीं होत है।
4.इसके द्वारा अधिक भार नहीं उठाया जा सकता है। इसके द्वारा अधिक भार उठाया जा सकता है।
5.ये छोटी मोटरों में काम आते हैं। ये जनरेटर, मोटर, ट्रांसफाॅर्मर सभी बड़ी मशीनों में काम आते हैं।
6.इनके धु्रव नहीं बदले जा सकते। इनके धु्रव बदले जा सकते है।
7.इनका मूल्य कम होता है। इनका मूल्य अधिक होता है।