चुम्बक के चारों वह क्षेत्र जिससे पदार्थ बल का अनुभव करता है उसे चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं तथा चुम्बक के इस गुण को चुम्बकत्व कहा जात है।
चुम्बक मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है-
(1) प्राकृतिक चुम्बक (2) कृत्रिम चुम्बक
विभिन्न प्रकार के कृत्रिम चुम्बक निम्न प्रकार है-
(1) छड़ चुम्बक (Bar Magebt) - यह आयताकार होता है इसके किनारों पर सर्वाधिक चुम्बकीय गुण होते हैं।
(2) घोड़ा नाल चुम्बक (Cylindrical Magent) - इसे आयताकार लोहे की छड़ को मोड़कर घोड़े के नाल की आकृति दी जाती है और इसके किनारों पर चुम्बकत्व रहता है।
(3) बेलनाकार चुम्बक (Cylindrical Magent) - इसे बेलनाकार छड़ द्वारा बनाया जाता है।
(4) अंगूठी चुम्बक (Ring Magent) - इसमें लोहे के द्वारा अंगूठी बनाई जाती है फिर उसमें चुम्बकीय गुण उत्पन्न किए जाते हैं।