सोल्डरिंग एवं ब्रेजिंग - 1

सोल्डरिंग एक विधि है जो धातु के दो या अधिक पार्टो को आपस में जोड़ने के लिए की जाती है। इस विधि में जोड़ने के लिए प्रयोग होने वाला माध्यम सोल्डर (Solder) कहलाता है।
सोल्डरिंग के लिए सोल्डर, फ्लक्स, ब्लोलैम्प, फाइल, सैड पेपर, पानी का बर्तन तथा सोल्डरिंग आयरन की आवश्यकता होती है।
सोल्डर दो प्रकार का होता है -
(1) सॉफ्ट  सोल्डर                        (2) हार्ड सोल्डर
सॉफ्ट सोल्डर और हार्ड सोल्डर में अन्तर
सॉफ्ट सोल्डर (Soft Solder)
यह कच्चा टांका होता है।    
यह लैड और टिन की मिश्र धातु है।
इसका जोड़ बहुत कम तापमान पर पिघलाकर लगाया जाता है।           
यह सोल्डरिंग आयरन द्वारा लगाया जाता है।            
यह टांका हल्की वस्तुओं जैसे बिजली के तार आदि को जोड़ने के लिए काम में आता है।
हार्ड सोल्डर (Hard Solder )
यह पक्का टांका होता है।
यह कॉपर और जिंक मिश्रित धातु है।
यह अपेक्षाकृत उच्च तापमान पर पिघलता है।
यह भट्टी में गर्म करके या वैल्डिंग द्वारा लगाया जाता है।
यह टांका भारी वस्तुओं को जोड़ने के काम में आता है।
इस जोड़ में सुहागे को फ्लक्स के रूप में काम में लेते है।