विद्युत - 2


चल वैद्युतिकी को निम्न प्रभावों द्वारा उत्पन्न किया जाता है -
(1) तापीय प्रभाव द्वारा
(2) चुम्बकीय प्रभाव द्वारा
(3) रासायनिक प्रभाव द्वारा
(4) प्रकाश के प्रभाव द्वारा
सभी पदार्थ अणु से मिलकर बने होते है। जिसमें पदार्थ का गुण होता है। प्रत्येक अणु को रासायनिक विधि से छोटे भागों में विभाजित किया जा सकता है, अणु के सूक्ष्मतम भाग को परमाणु कहते हैं।
परमाणु का केन्द्रीय भाग नाभिक कहलाता है। इसमें परमाणु के प्रोटॉन व न्यूट्रांन उपस्थित होते हैं।
प्रोटॉन में एक धन विद्युत आवेश होता है। यह इलेक्ट्रॉनों से लगभग 1840 गुना भारी होता है। यह नाभिक का स्थायी भाग होता है। प्रोटॉन विद्युत ऊर्जा के स्थानान्तरण में सक्रिय भाग नहीं लेते हैं।
इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर स्थित कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं इस पर ऋणात्मक आवेश होता है। प्रोटॉन की तुलना में इलेक्ट्रॉन तीन गुना बड़े व्यास का होता है। एक परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या इलेक्ट्रानों की संख्या के बराबर होती है।
इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह की दर को धारा कहते है। इसकी इकाई एम्पियर होती है। इसे एम्पियर-मीटर से मापा जाता है। एम्पियर मीटर सदैव श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है।
EMFका पूरा नाम इलेक्ट्रोमोटिव फोर्स (emf) व हिन्दी में विद्युत वाहक बल होता है। यह वह बल है जो किसी भी विद्युत उत्पन्न करने वाले साधन में इलेक्ट्रॉनों का असन्तुलन पैदा करता है। बाहरी परिपथ में इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह इसी बल से सम्भव होता है।